मंगलवार, 24 जनवरी 2012

स्वजातीय समाज से अपील

स्वजातीय समाज से अपील 
मनुष्य इस जगत का सबसे अहम् एवं बुद्धिमान प्राणी है. बोलने की क्षमता एवं अनुसन्धान करने की क्षमता सिर्फ मनुष्य को ही प्राप्त है. इस अदभुत शक्ति को मनुष्य यदि परोपकार में खर्च करे तो यह अति  उत्तम होगा आप देखेंगे की दुसरो के द्वारा किया हुआ परोपकार आपके भी काम आ जाएगा. मानवीय व्यवहार और मानवीय कर्तब्य का यही तो सबसे बड़ा लाभ है. इसके लिए क्रोध और लालच पर नियंत्रण      
रखना होगा. हठ और हवस को जड़ से मिटाना होगा. कमजोर और अबलाओ को सामाजिक एवं पारिवारिक सुरक्षा देनी होगी. परिवार के अंदर बुजुर्ग सदस्यों,बच्चो एवं महिलाओ को यथोचित सम्मान एवं सुरक्षा दोनो ही देना होगा.एकतरफ जहा बड़े परिवार टूट  कर छोटे-छोटे परिवार में तब्दील हो रहे है वही परिवार के सदस्यों में सामाजिक असुरक्षा का एहसास एवं भविष्य के प्रति आशंका ब्याप्त हो रही है. ऐसे में संगठन एवं इसके सदस्यों का भी दायत्व बढ जाता है कि अधिक से अधिक स्वजातियो को अपने संगठन से जोड़े एवं उनका आत्मबिश्वास बढ़ाये. हमे अपने आने वाले पीढ़ी के लिए रिश्ता भी इसी समाज से ढूढ़ना है तो क्यों नहीं सभी मिलकर इस बगीचे को हरा-भरा बनाये. जहा सिर्फ प्यार ही प्यार हो, सम्मान हो, सरलता हो और चारो तरफ सुनहरे फूलो जैसे खुशिया ही खुशिया लहराय. मुझे पूरा विश्वास है सिर्फ इसी रास्ते से हो कर हम एक स्वस्थ, सम्बल और मजबूत समाज बना पायेंगे. हमारे बच्चे जब एक स्वस्थ, संपूर्ण एवं सम्मानित परिवार बनाकर आगे बढ़ेंगे तो अवश्य ही हमारी आखे सुकून से कहेगी, जय गणीनाथ, जय हो गणिनाथ.
                                                                                                                                     अजय कुमार साह

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