शनिवार, 28 जनवरी 2012

कविता

              बूढ़ा बाप 

सुबह काम को जाता है।
रात को थका हारा घर वापस आता है ।।
सुखी रोटी और प्याज बड़े मजे से खता है ।
जवान बेटे को कुछ नहीं बताता है ।।

खुद भूखा रहकर पकवान बेटे को खिलाता है ।
खुद नंगा रहकर मखमल बेटे को पहनता है ।।
खुद कमजोर रह कर भी मजबूत हड्डी बेटे का बनता है 
जवान बेटे को कुछ नहीं बताता है ।।
मकान-जमीन-बुजुर्गो की निशानी बेच डिग्री 
बेटे को दिलाता है ।।

लेकिन जब बेटे का पंख हो जाता है।
वह घोसला चोर उड़ जाता है।।
वे बूढ़े माता-पिता को पलट कर नहीं देख पाते है।
अपनी बीबी के आचल में ही चिप जाते है।।

माँ से बहु का काम करवाते है।
बाप को घर का चौकिदार बनाते है।।
बूढ़े बाप को दिल का दौरा आ जाता है।
उसका बेटा जब नालायक निकल जाता है।।


घोशला छोड़ बाप सदा के लिए आकाश में 
उड़ जाता है।
पर जवान बेटे को कुछ नहीं बताता है।।
                                                           
                                                              ----सुषमा साव( कांकीनाडा )
      


                दहेजी बेलन 

एक बहु दहेज़ में बेलन संभाले ससुराल पहुची,
सास ने देखा तो बात पूछी-
बहु बेलन ही लाना था तो चांदी का लाती
सबसे पहले अपनी सास की खोपड़ी पर बजाती। 
उधर ससुरजी खिरकी से झांक रहे थे,
बहु दहेज़ में क्या क्या लाइ है, ताक रहे थे,
तुरंत ही बीच में आ टपके, बेलन की तरफ लपके,
बोले बहु चांदी का नहीं,सोने का लाना था,
सास की खोपड़ी के पहले ससुर पर आजमाना था।
सुन कर बहु ने चरण छु लिए,
बोले आगे ऐसा ही बेलन लाऊँगी आप के लिए,
अभी तो ससुराल पहली बार आई हू,
इस लिए काठ का बेलन, काठ के 
पुतले के लिए लाई हु।
                                             ----------बसंती गुप्ता, कलकत्ता 




     हाय दहेज़ 

शादी हुई धूम धाम से 
आ गई घर में लुगाई ।
आई जब मिलन की रात 
बर ने दहेज़ की लिस्ट मंगाई !
"प्रियतमें दहेज़ में क्या-क्या लाई ?"
एक अदद हीरो होंडा 
साथ एक रंगीन टी. वी. सेट 
रिफ्रिज्रेटर, डनलप पिल्लो, सोफा सेट 
डबल बेड पलंग,घडी, सीलिंग फैन
आठ आने की अंगूठी,दो भरी का चैन 
और नगद एक लाख पचास हजार 
प्रीतम, कीजिये सहर्ष स्वीकार ।
सुनकर दूल्हा हो गद-गद मुस्कुराया 
ख़ुशी-ख़ुशी दुल्हन के पास आया 
बोला शरमाओ नहीं,अपनी आखे खोलो 
और कुछ तो मुख से बोलो 
दुल्हे ने जब घूँघट उठाया 
नकली केश हाथ में आया 
पलभर में पति का मन मुरझाया 
पत्नी ने एक और गजब ढाहा 
बोली : अब तो मै हु लक्ष्मी आप के घर की 
इसलिए अब कोई बात नहीं है डर की 
मेरी एक आख असली है, दूसरी पत्थर की ।
वर  ने माथा ठोका 
यह है कैसा करम का खेल,
मुझे क्या पता था,दहेज़ के चक्कर में 
हो जाऊँगा बिलकुल फेल ।
                                                   ---------सुश्री चंचल कुमारी 



बुधवार, 25 जनवरी 2012

बाबा गनिनाथ पूजनोत्सव

 पूजनोत्सव:-
   अखिल भारतीय मध्यदेसिया वैश्य सभा राज्य शाखा पच्छिम बंगाल के तत्त्वघान में श्री श्री १०८ बाबा गनिनाथ जी का ३२वा पूजनोत्सव एवं बार्षिक उत्सव शनिवार १० सितम्बर को यूवा भारती क्रीडागन में (साल्ट लेक स्टेडियम,कोल्कता ) में हर्षौल्लाश के  साथ संपन्न हुआ. माननीय श्री जग्गंनाथ जी ने स्वगाताध्यक्ष का कार्य भार प्रसंता पुर्वक सम्हाला.


इस शुभअवसर पर पच्छिम बंगाल के अलावे अन्य प्रान्तों से भी अनेकाएक माननीय महापुरुषों का आगमन हुआ. श्री गोपाल प्रसाद गुप्ता(बानारसी), प्रो. रामआधार गुप्ता(पूर्वा रास्ट्रीय अध्यक्ष,पच्छिम बंगाल),श्री राजेंद्र प्रसाद गुप्ता(रास्ट्रीय अध्यक्ष), श्री ऋषि प्रसाद गुप्ता(रास्ट्रीय प्रभारी पच्छिम बंगाल) कैप्टेन श्री  एस एन गुप्ता (साल्टलेक),श्री पारस नाथ गुप्ता(मऊ),श्री उमेश कुमार गुप्ता(मऊ),श्री शीतल प्रसाद गुप्ता(बज-बज),श्री रामनारायण गुप्ता 'परम वैश्य'(पिकनिक गार्डेन),श्री गोपाल प्रसाद गुप्ता(जमशेद पुर),श्री रमाशंकर प्रसाद गुप्ता(सिक्किम) के नाम उल्लेखनीय है.
कार्यकर्म की अधक्ष्यता माननीय श्री काली प्रसाद साव ने किया. माननीय श्री रतन लाल साव,श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता,श्री विजय कुमार गुप्ता,श्री प्रेम कुमार साह ने सभी कार्यकर्मो को सुंदर ढंग से संयोजन किया. प्रधान अतिथि के रूप में पच्छिम बंगाल के क्रीडामंत्री  माननीय मदन मित्रा ने वैश्य सभा को संम्बोधित करते हुए उनके सामाजिक एवं शैक्षिक कार्यो के लिए उत्साहित किया एवं चार विकलांगो को तिन पहिया गाडी प्रदान किया जो समिति के दान दातावो ने दिया था. कोल्कता नगर निगम के बोरो सात की चेयर पर्सन श्रीमति सुस्मिता भट्टाचार्य ने भी सभा का उत्साहवर्दन किया !
श्री रतन लाल साव एवं श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता को "समाज रत्न" एवं पूर्व प्रांतीय मंत्री श्री रामेश्वर गुप्ता(बारीकपुर) को "परम वैश्य" से सम्मानित किया गया.इस शुभ अवसर पर स्मारिका २०११ का लोकार्पण किया गया, जिसके प्रधान सम्पादक है नंदलाल साव(टीटागढ़).
श्री जगन्नाथ गुप्ता जी के तरफ से सभी स्वजातीय की भोजन व्यवस्था की गयी. अन्न्यान शाखाओ ने उत्साह पूर्वक चाय, काफी, इमारती, पूजन सामाग्री का वितरण किया गया. इस अवसर पर १८ मेधावी छात्रों को छात्रवृति एवं पाठ्य पुस्तके वितरित की गई. माननीय जग्गंनाथ जी ने कहा कि प्रति वर्ष मेधावी छात्रों को उत्साहित करने के लिए वे इसका खर्च वहन करेंगे. श्री रतन लाल जी ने शिक्षा विकाश के लिए एक आयला पीड़ित छात्रा को आर्थिक सहयोग दिया एवं श्री काली प्रसाद साव ने तिन कन्न्याओ के लिए 'कन्या रत्न' पुरस्कार कि घोषणा कि है. जो बीस वर्ष पच्चात २७ हजार रूपए कि राशी हो जायेगी. 
 सभी शाखाओं  के आये हुए स्वेच्छा सेवको ने अपने सतत प्रयास से इस कार्यकर्म को सफल बनाया. वे वास्तव में प्रसंसा के पात्र है. महामंत्री श्री अजय कुमार साह ने "कानू हलवाई" जाति को राज्य की पिछड़ी जाति की सूची में शामिल करने हेतु एकजुट होकर आन्दोलान करने का आहवान किया. समारोह के अंत में कमरहट्टी क्षेत्रीय शाखा की ओर से लघु नाटक "हमभी अन्ना" का मंचन हुआ जिसके निर्देशक थे प्रवीन कुमार साव एवं सुनील कुमार साव. सभी दर्शको द्वारा इसकी सरहाना की गयी.मंच संचालन किया-वर्तमान महामंत्री श्री अजय कुमार साह एवं भूतपूर्व महामंत्री श्री विजय  कुमार गुप्ता ने. सभाध्यक्ष श्री काली प्रसाद साव ने पूर्ण रूपेण सफल इस आयोजन के लिए सभी को धन्यबाद दिया एवं सभा समाप्ति कि घोषणा की.       

मंगलवार, 24 जनवरी 2012

स्वजातीय समाज से अपील

स्वजातीय समाज से अपील 
मनुष्य इस जगत का सबसे अहम् एवं बुद्धिमान प्राणी है. बोलने की क्षमता एवं अनुसन्धान करने की क्षमता सिर्फ मनुष्य को ही प्राप्त है. इस अदभुत शक्ति को मनुष्य यदि परोपकार में खर्च करे तो यह अति  उत्तम होगा आप देखेंगे की दुसरो के द्वारा किया हुआ परोपकार आपके भी काम आ जाएगा. मानवीय व्यवहार और मानवीय कर्तब्य का यही तो सबसे बड़ा लाभ है. इसके लिए क्रोध और लालच पर नियंत्रण      
रखना होगा. हठ और हवस को जड़ से मिटाना होगा. कमजोर और अबलाओ को सामाजिक एवं पारिवारिक सुरक्षा देनी होगी. परिवार के अंदर बुजुर्ग सदस्यों,बच्चो एवं महिलाओ को यथोचित सम्मान एवं सुरक्षा दोनो ही देना होगा.एकतरफ जहा बड़े परिवार टूट  कर छोटे-छोटे परिवार में तब्दील हो रहे है वही परिवार के सदस्यों में सामाजिक असुरक्षा का एहसास एवं भविष्य के प्रति आशंका ब्याप्त हो रही है. ऐसे में संगठन एवं इसके सदस्यों का भी दायत्व बढ जाता है कि अधिक से अधिक स्वजातियो को अपने संगठन से जोड़े एवं उनका आत्मबिश्वास बढ़ाये. हमे अपने आने वाले पीढ़ी के लिए रिश्ता भी इसी समाज से ढूढ़ना है तो क्यों नहीं सभी मिलकर इस बगीचे को हरा-भरा बनाये. जहा सिर्फ प्यार ही प्यार हो, सम्मान हो, सरलता हो और चारो तरफ सुनहरे फूलो जैसे खुशिया ही खुशिया लहराय. मुझे पूरा विश्वास है सिर्फ इसी रास्ते से हो कर हम एक स्वस्थ, सम्बल और मजबूत समाज बना पायेंगे. हमारे बच्चे जब एक स्वस्थ, संपूर्ण एवं सम्मानित परिवार बनाकर आगे बढ़ेंगे तो अवश्य ही हमारी आखे सुकून से कहेगी, जय गणीनाथ, जय हो गणिनाथ.
                                                                                                                                     अजय कुमार साह

शनिवार, 21 जनवरी 2012

वैश्य वैवाहिक परिचय


 मदेशिया,हलवाई,कन्नौजिया,कानू, एवं उपवर्ग के विवाह योग्य युवक युवतियों का पता एवं फ़ोन नंबर सहित विवरण.

संपर्क सूत्र:-
श्री हरिहर प्रसाद साव (९३३००२०७२०)                                  संयोजक/संपादक  :-
श्री गोपाल प्रसाद साव (९३३९९६६८५८)                                श्री नन्द लाल साव 
श्री उषा गुप्ता                 (९३३१८२७१९०)                                   (९८८३९६२०९९)
श्री पुष्पा गुप्ता               (०३३-२५५८-४४५१)

विवाह योग्य युवक

  1. प्रबोध साव उम्र २४ वर्ष, ५'-१०" B.A . private tutor,बैंक में कार्यरत, पिता: स्वर्गीय महावीर साव १० सनातन मिस्त्री लेन, उरियापारा, सलकिया, howrah -६, मो. ९३३९२२००३१
  2. विकाश गुप्ता उम्र २७ वर्ष, ५'-९", M sc , सॉफ्टवेर इंजिनियर, पिता श्री दुर्गा प्रसाद गुप्ता CF -५६ ,चंडी बेरिया, केष्टोपुर,कोल -१०२ मो. ९८३००२२०१५
  3. राजीव साव उम्र २९ वर्ष, ५'-७", बी.कॉम., कपड़ा व्यवसाय, "कल्पना स्टोर" पिता श्री रबिन्द्र नाथ साव, उड़न पाड़ा,टीटागढ़, मो. ९१६३२५९८९१ 
  4. प्रभात कुमार साव उम्र २५ वर्ष, ५'-९" बी.कॉम, CA , स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, पिता स्वर्गीय महावीर साव, १० सनातन मिस्त्री लेन प्रथम तल्ला, सलकिया, howrah -६, मो. ९३३९२२००३१
  5. प्रकाश गुप्ता उम्र २८ वर्ष, ५'-४", बी.ए. मंगला, व्यवसाय, पिता श्री जीतेन्द्र प्रसाद गुप्ता, मुखर्जी पाड़ा, महेश तल्ला, बज-बज रोड, मो.9831611350
  6. सुनील कुमार गुप्ता उम्र २६ वर्ष ५'-४", कक्षा-८, पावन प्लांट वान्डिंग केबुल फिटर,पिता श्री लाल जी साव, चाप्दानी, ९/Z , बाड़ी नंबर-२०, मो;९६८१००८३८३
  7. विकाश कुमार गुप्ता, उम्र २९ वर्ष, ५'-६",बी.ए. कंप्यूटर सर्विश , पिता श्री श्याम सुंदर गुप्ता,मनिटाद,कुमार पट्टी, धनबाद,मो; ०९८३५७३९६९४ 
  8. अलोक कुमार गुप्ता उम्र २७ वर्ष, ५'-५" इंजीनियरिंग, पिता श्रीअजय कुमार गुप्ता, लीला काकरी हाउस, न्यू जक्कन पुर, मीठा पुर, पटना-१ मो; ०८९८७१३४२४४
  9. कुमार स्वप्निल उम्र २३ वर्ष, ५'-५", फाईनल इयर, इंजीनियरिंग, पिता श्री  विजय कुमार गुप्ता, क/ओ. निर्भय कुमार, लीला काकरी हाउस, न्यू जक्कन पुर, मीठा पुर, पटना-१ मो; ०८९८७१३४२४४ 
  10.  अरिंदम साहा उम्र २५ वर्ष, ५'-८", बी. टेक. इंजिनियर, रिलाइंस कंपनी में, पिता श्री स्वाधीन चन्द्र साहा, मनीराम पुर, सिन्धी बागन, बैरकपुर, मो; ९३३९६१०४९१
  11. बिजय कुमार साव, उम्र २७ वर्ष,५'-३", पिता श्री रोबिन कुमार साव, ४१ नैनन पाड़ा, कोल्कता-३६ , प्राइवेट कंपनी में कार्यरत 
  12. गौरांग साहा, उम्र २८ वर्ष, ५'-६" बी.कॉम. पिता श्री रतन साहा, ३६, कपूरिया पट्टी रोड, स्टेशनरी दुकान, बहरामपुर, जिला, मुर्शिदाबाद, मो; ९८८३४१२८९० 
  13. जित्तेंद्र साव उम्र २७ वर्ष, ५'-८", बी.टेक , सॉफ्टवेर इंजिनियर इन कंप्यूटर टेक्नोलोजी, पिता स्वर्गीय लक्ष्मी साव, २३-J , मोतीलाल बशाक लेन, कोल्कता ५४, मोबाइल ९६८१०८२७४८
  14.  विष्णु चन्द्र गुप्ता उम्र २९ वर्ष, ५'-६", बी.कॉम. पिता श्री कमल कुमार गुप्ता, पंचबेरिया, बजरंग अखाड़ा क्लब इन्दा, खड़गपुर, इमीटेसन  ज्वेलरी शॉप, मो; ९७३३६१६०९६
  15. अमित साव उम्र २५ वर्ष, ५'-७" HS - स्टुडेंट ऑफ़ शेयर मार्केट, पिता श्री जगदीश साव, २९/३ , पी-पी रोड, पोस्ट फिगा पाड़ा रोड, काकीनाडा, मो; ९३३०५०३४४४ 
  16. टिंकू साह, उम्र २७ वर्ष, ५'९" क्लास ८, पिता श्री रंगलाल साह, १६(१२), सुर्नेद्र नाथ बनर्जी रोड  (उषा होटल), बैरकपुर, पो. बैरकपुर,कोलकाता-२० मो. ९००७७४५०४८
  17. विनीत गुप्ता, उम्र २४ वर्ष ५'८" M.Com. Reading, पिता श्री रामचंद्र गुप्ता, 35a विप्लवी अनुकूल चन्द्रस्ट्रीट,कोल्कता-७२
  18. राकेश साव उम्र ३१ वर्ष, ५'६" S.S.C. पिता श्री लालजी साव, A-83, जलभैया  बिहार साल्टलेक,ब्लाक -LB, SECTOR-III कोलकाता -४४ फोन २३३५-९५१९ मो. ९८३१९९९०७९ 
  19. तारक साव, उम्र ४० वर्ष, ५'८" H.S. पिता स्वर्गीय विहारी लाल साव, १८६, करुणामयी रोड, पो. तालपुकुर, थाना:टीटागढ़,मो. ९१४३२४४३४७ 
  20. सोहन लाल गुप्ता उम्र २७ वर्ष, ५'६" माध्यमिक पिता श्री निरंजन लाल गुप्ता, 69/E/3, खटीर बाजार लेन, श्रीरामपुर,हूगली मो. ८८२०६९८४८५
  21. संजय कुमार साह उम्र २६ वर्ष ५'४" आई.ऐ. पास पिता श्री विजय साह, जसीडीह बाजार,जिला  देवघर, पिन ८१४१४२ मो. ९१९५७०१३८४२१  
  22. विनीत साव उम्र २५ वर्ष, ५'४" H.S. पिता श्री दीपक साव ४०, गिरीश घोष लेन, घुसुडी , हावड़ा -७, मो. ९८८३२०९५३५
  23. कैलास साव उम्र २८ वर्ष ५'४", माध्यमिक पिता श्री गिरजा प्रसाद साव ४४,  गिरीश घोष लेन, घुसुडी , हावड़ा-७ मो. ९८३११५००६४
  24. मनोज कुमार साह उम्र ३५ वर्ष, ५'६" माध्यमिक, पिता स्वर्गीय महेंद्र साह 28A मुन्सीगंज रोड खिदिरपुर, कोल्कता-२३ मो. ९८३१८८३१३७ 
  25. संजीव कुमार गुप्ता उम्र २९ वर्ष, ५'३", Senior Software Engineer in Accenture पिता श्री वेद प्रकाश गुप्ता, पोस्ट चामुर्ची बाजार, जलपाईगुड़ी, पच्छिम बंगाल मो. ०९७४२३४७२९१
  26. शंकर साव, उम्र २८ वर्ष ५'४" माद्यमिक पिता श्री राम अयोध्या साव, १५ साउथ पाल घाट रोड, जगदल मो. ८४२०६४४९५८
  27. प्रकाश साव उम्र ३१ वर्ष ५'४" बी. कॉम. कम्पूटर हार्डवेअर,इंजिनियर सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर पिता श्री अयोध्या प्रसाद साव,  १५ साउथ पाल घाट रोड, जगदल मो.९३३९०४५५१९ 
नए नामांकन के लिए हम लोग समय समय पर यह ब्लॉग अपडेट करते रहेंगे इसमें आप सभी लोगो से सहयोग अपेक्षित  हैविवाह योग्य कन्याए

सोमवार, 16 जनवरी 2012

दहेज़ कैसे रोके ?



दहेज़ कैसे रोके ?
प्रांतीय महिला मंच, पच्छिम बंगाल 

दहेज़ का साधारण अर्थ है जो दिल को दहला दे वही दहेज़ है । दहेज़ के प्रतिबन्ध  के विषय में हम चाहे जितना भी कह ले या क़ानून बना ले लेकिन यथार्त जीवन में इसका नितांत अभाव ही दीखता है । जब तक पूर्णरुपेंन सामाजिक जागृति नहीं आती,दहेज़ का बहिस्कार असंभव ही रहेगा। क्या दहेज़ के कारण होने वाले हर गुनाह को क़ानून के समक्ष लाया जा सका है ? क्या दहेज़ के हर गुनाहागार को उचित दंड दिया जा सका है ? निर्मम हत्या, शारीरिक एवं मानसिक उत्पीडन करना दहेज़ लोभीयो के लिए मात्र एक खेलवाड़ है । हमारे पूर्वजो ने जिस सदउद्देश्य को लेकर कन्यादान के साथ यथाशक्ति विदाई देना शुरू किया आज उसी का विकृत रूप दहेज़ है ।
आज पारिवारिक सम्पन्नता के आधार पर वर-वधु का मूल्यांकन किया जा रहा है। सरकारी नौकरी का महत्व दहेज़ के साथ जडित होता जा रहा है। यही कारण है कि व्यवसाय पर नौकरी हावी होता जा रहा है। समाज में आर्थिक दृष्टी से कमजोर उच्चशिक्षित युवाओं कि कमी नहीं है, अगर उन्हें उचित सुबिधा दी जाए तो वे निःसंदेह प्रगति कर सकेगे, लेकिन कन्या पक्ष तो इस पर बिना विचारे ही उन्हें अनदेखा कर जाता है। ऐसी स्तिथि में अगर हम दहेज़ का रोना रोते है तो गलती तो हमारी है ही क्यों कि परोक्ष रूप से हम दहेज़ को ही प्रोत्साहित करते है। यह जानते हुए भी कि हम जो कुछ कर रहे है वह उचित नहीं- फिर भी आखे मूंदे हम उसी और बड़ रहे है - क्या यह हमारा सामाजिक और चारित्रिक पतन नहीं ? क्या हमारा भविष्य घोर अंधकारमय नहीं ?दिनों दिन यह अन्धकार गहराया जा रहा है  और इस अन्धकार में कितनी कन्याये कहा खो जायेगी , कहा नहीं  जा सकता। तो आइये, दहेज़ के प्रचंड वेग को रोकने के लिए हम अभी से यथा संभव प्रयास करे:-



  1. दहेज़ के विरोध में जागरूक अविभावको को आगे आना होगा जिनकी कथनी और करनी में सामंजस्य हो, सिर्फ दिखवा ना हो ।
  2. शिक्षित वर्ग के युवक-युवतियों को दहेज़ के विरुद्ध क्रान्ति लाना होगा ।  उनका नारा हो "न दहेज़ लेंगे, ना दहेज़ देंगे, ना खुद लेंगे, ना लेने देंगे ।
  3. विवाहिक रिस्तो के लिए जातिगत उपवर्ग को एक सूत्र में पिरोना होगा ताकि वर-वधु तलासने में सहूलियत हो सके ।
  4. सामूहिक विवाह को बढ़ावा देना होगा । इसके लिए जातिगत एवं सामाजिक संगठनो को आगे आना होगा ।
  5. दहेज़ विरोधी समावेश एवं वैवाहिक परिचय में केवल लडकियों को ही नहीं बल्कि लड़के को भी समाज के सामने लाये ।
  6. दिखावा एवं फिजूल खर्ची को रोकना होगा । रश्मो में सादगी होनी चाहिए ।
  7. दहेज़ ना लेने वाले परिवार का सामाजिक स्वागत किया जाए । समाज के गणमान्य व्यक्ति यदि यह आदर्श उपस्थित करे तो इसका अधिक प्रभाव पड़ेगा ।
  8. सिर्फ सम्पन्नता और सरकारी नौकरी पर ही विचार न करे बल्कि चरित्र और प्रतिभा पर विचार करते हुए शिक्षित युवको को प्रोत्साहित करे ।
  9. "नारी शिक्षा" का महत्व बहुत जरुरी है तभी महिलाओं के भावनाओं में परिवर्तन आ सकेगा ।सास-बहु का रिश्ता माँ-बेटी के रिश्ते में बदल सकेगा ।
  10. दहेज़ उन्मूलन के लिए प्रत्येक वर्ग , प्रत्येक समाज,चाहे वो किसी भी जाती के क्यों ना हो उन्हें जागृत होना पड़ेगा । किसी एक जाती विशेष को दहेज़ मुक्त करना संभव नहीं होगा जबतक पूरा समाज इसका विरोध नहीं  करेगा । 
  11.  
वक्त रहते जो संभल न पाए, नहीं दिया जो ध्यान ,
तो डोली के संग देना होगा , अर्थी का सामान ।
                                                                                                        







राज्य शाखा पश्चिम बंगाल 
ऑफिस :- १/२/१, डॉ. धीरेन सेन सारणी,(हर्तुकी बगान लेन), कोल्कता -६      
पंजीकृत संख्या :-s /२७६१३/९५ 
समाज दर्पण (प्रकाशित अंक नवम्बर २०११)
---------------------------------------------------------------------------------------------------सम्पादकीय 


यह सत्य है कि साहित्य समाज का दर्पण है, अतः जब हम 'समाज दर्पण ' की बात करते है तब हमारा सीधा संपर्क उस समाज के साहित्य से होता है. दर्पण तो हमे केवल उन्ही अंशो को दर्शाता है जो उसके समक्ष आता है किन्तु उसके पिछले भाग की सच्चाई हमारे समक्ष नहीं आती, इसके लिए पिछले भाग के तरफ भी एक और दर्पण की आवश्यकता पड़ती है, तभी हम वास्तविक सच्चाई तक पहुच पाते है.


अत: ये आवश्यक है क़ि केवल अपनी उपलब्धियों को ही दर्शाया नहीं जाए बल्कि उन अंशो को भी दर्शाया जाए जहा हमारी त्रुटिया एबम कमजोरिया है और जिसे हमें सुधारने क़ि आवश्कता  है. हमें निर्भीक होकर समाज दर्पण में अपनी समाज क़ि आर्थिक,सामाजिक, राजनैतिक, शैक्षिक एवं अन्यान पहलुओ को सामने लाकर उसकी उन्नति के लिये सोचना होगा. 
समाज दर्पण क़ि इस नवीनीकरण में हमने निर्णय लिया है क़ि छात्र -छात्राओ के लिए शिक्षा मूलक एवं रूचि सम्मत विषयो का समावेश किया जाए.
उनमे रचनात्मक प्रतिभा का सृजन किया जाये. कविता, लेख, कहानी, एवं प्रतियोगिता के माध्यम से उनके शिक्षा का विकाश किया जाये. इसी प्रकार 'नारी जगत' के लिए भी बिशेष स्थान रहेगा जहा उनकी समस्याये एवं उनकी रचनाये प्रकाशित क़ि जाएँगी. वैश्य समाज के विकाश के लिए हम प्रतिभाशाली एवं शिक्षित वर्ग का सादर अभिनन्दन करेंगे, उनकी रचनाये एवं सुझाव को प्रकाशित कर समाज के सामने लाने का प्रयास करेंगे. आप क़ि वैवाहिक समस्याओ एवं विवाहयोग्य युवको एवं कन्याओ क़ी सूची यथा संभव हम हर अंक में प्रकाशित करेंगे,अतः आप अपना बायोडाटा हमे 
अवश्य भेजे जिसे निशुल्क प्रकाशित किया जाएगा.


'समाज दर्पण' प्रतिवर्ष मार्च,जून, सितम्बर एवं दिसम्बर माह में प्रकाशित होगा. प्रति तीन महीनो में संस्था द्वारा संपन्न कार्य कर्मो एवं भविष्य क़ी योजनाये इस में प्रकाशित क़ी जाएँगी. नवीनीकरण का यह हमारा प्रयास आपके समक्ष है. हम स्वीकार करते है कि अभी इसमें बहुत सुधार की  आवश्कता है. फिलहाल हमारे सामने रचनाओ का अभाव है, लेकिन हमे आशा है कि अगले अंक से हम इसे बहुत ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत कर सकेंगे, प्रकाशन की आर्थिक कठिनाइयों को दूर करने के लिए कृपया आप आगे आये और बिज्ञापन देने का कष्ट करे. समाज दर्पण में सभी स्वजातियो का हार्दिक स्वागत है चाहे वे लेखक हो, पाठक हो, बिज्ञापनदाता हो या सलाहकार.आप सभी हमारा आमंत्रण स्वीकार करे और समाज दर्पण को एक नया रूप देकर इसे विकाश की शिखर तक ले चले.
                                                                 धन्यवाद !
आपका 
नन्दलाल साव 
प्रधान संपादक 



प्रांतीय महामंत्री के कलम से 

सभी स्वजातीय बंधुओ को प्रणाम, बुगुर्गो को चरण स्पर्श माताओ को प्रणाम, बहनों को अभय दान, अनुजो को शुभाशीष. बर्तमान मंत्री मंडल के देख रेख में सभा पुनः पूरी मर्यादा के साथ विकाश के पथ  पर अग्रसर हो गई है. संगठन सर्वोपरि है. संगठन की मर्यादा कायम रखना परिवार की मर्यादा कायम रखने के बराबर है. परिवार में जैसे अभिभावक वर्ग और निर्भरशील वर्ग एक दुसरे को मर्यादा देते हुए अनुशासित जीवन जीते है, ठीक उसी तरह सामाजिक संगठन में हर वर्ग को एक दुसरे के साथ इज्जत से, तालमेल, बनाकर एक दुसरे का हौसला बढ़ाते हुए आगे बढ़ना चाहिए.

खेलकूद आयोजन २०११   :- कोई भी देश या समाज अपनी यूवा शक्ति पर नाज करता है. हमें भी अपने यूवा सदस्यों और भाइयो पर नाज करना चाहिए. इसके लिए जरुरत है उनके अंदर की प्रतिभा को जगाना और उनकी जिज्ञासा को शांत करना.इस वर्ष के आरम्भ में ही मंत्रिमंडल के प्रयास से "प्रथम आल बंगाल स्वजातीय क्रिकेट टूर्नामेंट" प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. उद्देश्य सिर्फ यह पहचान करना था की हमारे यूवा सक्ति कितनी ताकतवर है 
और कितना प्रतिवावान? अति आश्चर्ज की बात यह रही कि हमारे पीछे सचमुच एक बड़ी यूवाशक्ति पूरी प्रतिभा के साथ खड़ी है लेकिन हमें तनिक भी इसका अंदाजा नहीं था कि हमारे अनुज अच्छे खिलाड़ी है और साथ ही अपनी ताकत का पर्दर्शन करने की पूरी क्षमता रखते है. सबसे बड़ी उपलब्धि यह थी कि खिलाडियों ने ' खेल को खेल कि भावना' के तहत खेला और अपने प्रतिद्वंदियों को पूरा सम्मान दिया. उक्त आयोजन को जिन कार्यकर्ताओं ने दिवा रात्रि  मेहनत करके सफल बनाया उनमे सर्वो परि है सर्वश्री रतन लालशाव, श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता, श्री विजय कुमार गुप्ता, श्री दिलीप साव, कुमार संजय गुप्ता, श्री कृष्ण गुप्ता, श्री स्यामल साहा श्री ध्रुव चाँद गुप्ता. मै सभा कि तरफ से सभी आयोजको को 'भारत ल्यूब इण्डसट्रीज' (श्री जगन्नाथ गुप्ता', बज बज ) नोर्थ जोन ' आर के प्लास्टिक ' (श्री काली प्रसाद साव,  बजबज) साउथ ज़ोन,"एजीप " (श्री रतन लाल साव, मानिकतल्ला ) ईस्ट ज़ोन, ' कुमार पेट्रोकेम ' ( कुमार संजय गुप्ता ,हावड़ा), वेस्ट ज़ोन, सहित सभी टीम मेनेजर, खिलाडियों एवं दर्शको को धन्यबाद देता हु, तथा वर्ष २०१२ में ८ जनवरी रबिवार को आयोजित होने वाले "द्वितीय आल बंगाल स्वजातीय  क्रिकेट टूर्नामेंट एवं वार्षिक खेलकूद " में भाग लेने के लिए अनुरोध करता हु. यह एक सुसंहत एवं स्वस्थ समाज निर्माण कि प्रकि या है और इसे जारी रखने एवं सफल बनाने का दाइत्व हम सबका है. 

स्वजातीय जनगणना :-


इस वर्ष के आरम्भ में उत्तर बंगाल स्थित सिलीगुड़ी एवं दार्जलिंग के क्षेत्रीय कार्यकर्ताओ मूलत: पूर्व राष्ट्रीय यूवा प्रभारी श्री प्रेमचंद साव एवं उनके सहयोगी सदस्यों के प्रयास से तथा प्रांतीय सलाहकार  समिति सदस्य श्री रतन लाल साव,प्रांतीय उपाध्यक्ष श्री सुभाष चंद गुप्ता, पूर्व महामंत्री श्री विजय कुमार गुप्ता के सहयोग से तत्कालीन सरकारी पिछड़ी जाति एवं जनजाति राज्य मंत्री श्री योगेश चन्द्र वर्मन को पत्र लिख कर अपने स्वजातीय समुदाय को 'कानू-हलवाई' के नाम से पच्छिम बंगाल राज्य की पिछड़ी जाति(OBC ) की सूचि में दर्ज कराने  की  मांग की गई ताकि हमारे समाज के यूवक
 
यूवती शिक्षा  के क्षेत्र में,  सरकारी नौकरी प्राप्त करने  के क्षेत्र में एवं सरकारी कर्ज प्राप्त करके अपने व्यवासय को उन्नत बनाने के लिए पच्छिम बंग सरकार द्वारा दी गई आरक्षण की सुबिधा का लाभ उठा सके.  तत्कालीन माननीय  मंत्री मोहदय ने हमारे पत्र  को अनुमोदित  कर WEST BENGAL COMMISSION OF OTHER BACKWARD CLASSES  के पास भेज  दिया. कमीशन  ने हमारे संगठन को एक विशेष फॉर्म देकर उसके अनुरूप अपना बिस्तृत विवरण उनके संक्षय  प्रस्तुत   करने का निर्णय जारी किया. कमीशन  के सम्क्ष्य प्रस्तुत होने का प्रथम रास्ता स्वजातीय के माध्यम से निकलता है.अत; कार्यकारिणी की सभा में एक प्रस्ताव पारित करके एक "स्वजातीय जनगणना  कमीशन  -२०११" बनाया गया और जनगणना करने हेतु समस्त विषयो पर कार्य करने  का अधिकार दिया गया. स्वजातीय जनगणना कमीशन   के अध्क्ष्य श्री विजय कुमार गुप्ता (पूर्व महामंत्री) को बनाया गया है. जिनके सहयोग एवेम सलाह के लिए  दो  पूर्व  महामंत्री  श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता एवं  श्री रंजन  साह जी से अनुरोध किया  गया है. सभा की और से मेरा  पच्छिम  बंगाल राज्य में रहने वाले सभी स्वजातीय परिवार से करबद्ध अनुरोध है कि अपने अपने साखा पद अधिकारियो से संपर्क करके इसकी बिषद जानकारी ले तथा इस महत्त कार्यकर्म में सामिल हो कर इसे सफल बनाय. यह पुनीत कार्य अवश्य ही हमारे आने वाले पीढ़ी को विकाश के पथ पर अग्रसर होने में मदद करेगा.


स्वजातीय जनगणना क्यों ?

विजय कुमार गुप्ता (अध्यक्ष जनगणना कमीशन)

इस प्रगतिशील कम्पूटर के युग में आज भारत का प्रतेक जाति अपनी प्रगति करना चाहता है और अपने लिए हर सुविधा, हर अधिकार प्राप्त करने के लिए प्रयासरत है । उनमे से बहुतो को सफलता मिली भी है और उन्हें पिछड़े वर्ग में सामिल भी कर लिया गया है, लेकिन जहा तक "कानू-हलवाई" का प्रश्न है हम इस दौड़ में बहुत पीछे है, यह कहना अतिशोक्ति नहीं होगा । हम क्यू पीछे है ? कितना पीछे है ? इसका कारण क्या है ? हमे ओ.बी.सी. का प्रमाण पत्र क्यों नहीं दिया जाता है ? हमे आरक्षण से दूर क्यों रखा गया है ? आखिर इसमें क्या कठिनाइया है ? ऐसे ढेरो प्रश्न उभर कर हमारे सामने आ जाते है । क्या आपकी आत्मा को उस वक़्त ठेस नहीं पहुचती जब आपका बच्चा शिक्षा और योग्ता में  
सिडूल कास्ट वाले से अधिक होते हुए भी सरकारी नौकरी से वंचित रह जाता है  और उससे जूनियर आरक्षण के मार्फ़त सरकारी नौकरी पा जाते है ।प्रश्न तो शिक्षा के क्षेत्र से ही शुरु हो जाता है । प्रश्न चाहे उच्च-शिक्षा के प्रवेश का हो या वित्तीय सहायता की, आखिर एसा क्यों ?आज जरुरत है की हम सोचे कि हम पीछे क्यों है, जो जातीय हमारा अनुशरण करती थी,हमसे बहुत पीछे थी, आज आरक्षण के बदौलत वे हम पर भारी है ।
आज "हलवाई" जाति को ओ.बी.सी. का दर्जा मिलने के बावजूद बंगाल सरकार उसे स्वीकार करने से कतराती है जब कि "माएरा" , "मोदक" हलवाई का पार्यवाची है । "माएरा" , "मोदक" हलवाई सिक्के के एक ही पहलू है, एक ही व्यवसाय से सम्बंधित है, फर्क है तो केवल भाषा का, एक बंगाली और गैर-बंगाली का । हलवाई जाति को ओ.बी.सी. का दर्जा तो मिला पर "ना" के बराबर। विहार में "कानू" को मान्यता मिली है लेकिन बंगाल में कानू कि कोई पहचान नहीं है । आज बंगाल में "हलवाई" वर्ग को ओ.बी.सी. को प्रमाण पत्र मिलना असंभव ही काहा जाएगा । हकीकत यह है कि गैर-बंगाली को हलवाई के नाम पर प्रमाण पत्र देना सरकारी नीति के विरुद्ध है क्युकि इसमें ऐसे-ऐसे तथ्य  प्रमाण पत्र मांगे जाते है , जिन्हें एकत्रित करना प्राय: असम्भव  है। अगर किसी तरह जुटा भी
भी लिया तो उन पक्षपाती अधिकारियों के नुक्ता चिनो से बचना मुस्किल है । इने-गिने कुछ लोगो ने किसी तरह प्रमाण पत्र पाया भी है तो माएरा-मोदक के साथ हलवाई लिख कर। समस्या केवल यही रहती तो कोई विशेस बात न थी, यदि प्रमाण पत्र आसानी से मिल जाता । यहाँ तो बंगाल सरकार के अधिकांश अफसर संकुचित विचारधारा के मातहत गैर-बंगाली को ओ.बी.सी. कि मान्यता देना ही नहीं चाहते है । वे तो गैर बंगाली को बंगाल का निवासी मानते ही नहीं,विशेष प्रमाण पत्र देने पर दूसरा कारण बताते है कि हलवाई वर्ग गरीबी रेखा में आता ही नहीं । उनका मुख्या उद्देश्य तो आप को इतना परेशान करना है कि आप उबकर चुप बैठ जाए ।  
प्रश्न यह है कि जब किसी प्रकार हलवाई को ओ.बी.सी. का दर्जा मिल गया है तो फिर प्रमाण पत्र पाने में इतनी निराधार कठिनाइया क्यों है ?हमारी संस्था "अखिल भारतीय मध्यदेशीय वैश्य सभा (पच्छिम बंगाल) के पद अधिकारीयो एवं विशिस्ट अनुभवी व्यक्तियों ने इस बिषय पर पूरी खोज -बीन क़ी, हर मुमकिन सरकारी दफ्तर का चक्कर लगाया, इस विषय से सम्बंधित अफसरों का दरवाजा खटखटाया  तो जो बात सामने उभर कर आती है वह यह है कि हमें केवल एक ही रास्ता दिखाई पड़ता है -वह-है-अपनी स्वजातीय जनगणना का रिपोर्ट । हमें दिखाना होगा कि हलवाई वर्ग अब भी पिछड़ा हुआ है, अशिक्षित, गरीब व्यवसाइयो का वर्ग है जिसे अधिक से अधिक सरकारी सहायता कि जरुरत है अथ: पिछड़े वर्ग कि तरह ओ.बी.सी. की श्रेणी में मान्यताप्राप्त हलवाई को सहज ढंग से प्रमाण पत्र दिया जाए ।हमे जो रिपोर्ट पेश करना होगा उसमे दिखाना होगा कि हम सदा से पिछड़े हुए है , जब कि वे मानते है कि "हलवाई" में सभी पैसे वाले आमिर  व्यक्ति है । इन्हें ओ.बी.सी. कि कोई आवश्यकता नहीं ।
सबसे जटिल समस्या तो यह है कि हम अपनी जाती एक नहीं बताते । एक ही परिवार,एक ही वर्ग के लोग जिनकी मूल उत्पत्ति "कानू" से है, अपने को भिन्न -भिन्न जातिगत नामो से पुकारते है, यथा -मध्यदेसिया, कन्नोजिया ,करौंच, कांदु, कान्यकुब्ज,कान्हू, कंदोई, हलवाई, रौनिहार, भूंज इत्यादि और यही कारण है कि हमारी जनसँख्या विशाल होते हुए भी हम नगण्य है । आरक्षण के क्षेत्र  में अन्य जातियो  कि तुलना में हमारी जनसँख्या कम पड़ जाती है । अतएव आज इस बात की परम आवशयकता  है कि हम  जनगणना में अपनी जाती केवल "कानू -हलवाई" ही लिखवाय और आरक्षण कि मांग करे । अगर हम इस समय सचेस्ट नहीं होंगे तो फिर कभी भी हम आरक्षण  और ओ.बी.सी. का लाभ नहीं पा सकेंगे । हम इन लाभों से वंचित थे, वंचित है, और वंचित ही रह जायेंगे ।
इन सारे परिस्थितियों से निपटने के  लिए हमारे अनुभवी एवं विशिस्ट लोग जी-जान से प्रयास कर रहे है ताकि ओ.बी.सी. का प्रमाण पत्र आसानी से मिल सके इसके लिए हमारा भी फर्ज बनता है कि हम भी उन्हें हर संभव सहयोग करे और स्वजातीय जनगणना में हर प्रश्न का सही उत्तर देकर इस कर्मक्षेत्र में अपनी उपस्तिथि जाहिर करे । जहा-जहा भी हमारे स्वजातीय बंधू निवास करते है आप उनका परिचय हमारे जनगणना करने वाले लोगो से करवाए और उनका परिचय हमारी संस्था से तभी हमारे सम्मिलित प्रयास द्वारा यह आन्दोलन सफल होगा । समय-समय पर पत्रिका द्वारा आपको जानकारी मिलती रहेगी और आपको कोई विशेस जानकारी हो हमें भेजे । हम उसका स्वागत करेगे ।
सबकुछ आप का सहयोग पर निर्भर है, "स्वजातीय जनगणना" पर आप का एवं आप के बच्चो का भविष्य निर्भर है -चाहे नौकरी हो या शिक्षा, राजनैतिक क्षेत्र हो -सामाजिक क्षेत्र हो अथवा आर्थिक । हर जगह आप तभी प्रगति कर सकेंगे जब कि आपकी "स्वजातीय जनगणना" का एक ही आधार हो गा -"कानू-हलवाई" ताकि आप एक विशाल जनसँख्या दिखा सके । जनगणना द्वारा आपको अपनी पहचान बनानी होगी और यह काम केवल आप ही कर सकते है । जब हमारी जाती के प्रतेक व्यक्ति का हाथ एक साथ ऊपर उठेगा और कदम एक साथ आगे बढेगे तो कोई भी बाधा हमें रोक नहीं सकती । हमे ओ.बी.सी. कि मान्यता मिली है तो हमें उसका प्रमाण पत्र भी देना होगा । यही हमारा संघर्ष है, हमारा लक्ष्य है । यह कैसा परिहास है कि हमारी कई पीढ़ी बंगाल में बीत गई फिर भी हम नान-बंगाली है- हमारा कोई अधिकार नहीं ।

 अन्याय के विरुद्ध हमने संघर्ष का पथ चुन लिया है, कदम बढ़ा दिया है तो हमारे कदम आगे बढ़ाते ही रहेंगे जब तक लक्ष्य नहीं मिल जाता । आप हमारे साथ आगे आये और "स्वजातीय जनगणना" का कार्य पूरा करने में हमारी सहायता कर ताकि हमारे बच्चो का भविष्य अन्धकार के गर्त से निकल कर प्रकाश के किरणों का स्पर्श कर सके और हम एक सुनहरे भविष्य कि आधारशिला रख सके ।

-विजय कुमार गुप्ता 


शुक्रवार, 13 जनवरी 2012

Madhesiya Baniya Samaj

History of Madhesiya Samaj
Baba Ganinath



Madhesiya has been formed with the combination of two Sanskrit words i.e. "Madhya" and "Desh" hence some times also referred as "Madhyadeshiye" meaning who belonged to central part of the country.


Currently, members of the community are spread throughout India and overseas as well. They have earned respect in the society due to their tenderness and ability to make gold out of wastes that means they are highly skilled businessmen.


These are the some surnames generally used by our Vaisya Madhesia Samaj are as follows Shah, Shaw,Sah,Gupta,Prasad,Kanu,Madhesiya,Seth,Kannaujiya,Rai BahadurAgarwal etc.



There are many deities which are worshipped among Madhesiya Kanu and other vaisya community. Prominent among them are:Sri Baba Ganninath Sri Ganninath is one of the 14 deities of the community and great saint of the communitySome of them are Sri Govind Ji,Braham Baba, Mata sati.etc.

This site  an idea of providing a common platform to all Madhesiya,Kanu,Halwai,vashya and all baniya community from india and out side form india This site is dedicated to the great and brave community which has proven themselves by talent and hard work in all the fields.
Very soon we are going to published our website of the same in which we need your idea, suggestion,information etc, we will appreciate if you provide us through my email bkhalwai@gmail.com or this blog.
We take pleasure in helping the youngsters and provide guidance’s for higher education in different field.
The well known fact is that the Parent’s of our Madhesiya Samaj worried about engagement for marriage, when the children crosses age of 21 to 22 years. To respond to this sentiment we have Plan to add Matrimonial section which provide all relevant details of  Grooms and Brides of Madhesiya Samaj Community with full details of biodata, address, photos so that they can find their matching easily in same site.
Our samaj has created so many leaders who provide leadership to the mass population. We acknowledge and provide a platform to leaders in the section leadership.
This site explores history of Madhesiya Baniya samaj and we invite all the Persons of our community  who have knowledge of samaj history, to contribute to this page.
We also publish information about events and news time to time with Pictures.
We ensure that this site shall help our Madhesiya Vaishya  samaj members as well as other visitor’s t know us and our samaj better in wide aspects. We request all the visitors to send their feedback through the email or the blog..