सोमवार, 27 फ़रवरी 2012

परिचय सम्मलेन फ़रवरी २०१२ (हावड़ा)

परिचय सम्मलेन  फ़रवरी २०१२ (हावड़ा)
मेरी नजर से...

आज सुबह करीब साढ़े १० बजे के आस-पास मै श्री यौगेश चन्द्र कालेज पंहुचा, उस समय कुछ गिने चुने ही लोग दिख रहे थे, पर सब अपनी अपनी कामो में पूरी तरह से व्यस्त थे। कुछ नवजवान दो लेप टॉप लिए हुए सभी आने वाले आगंतुक या परिचय सम्मलेन में अपनी नाम नाथिभुक्त करवाने वाले व्यक्ति विशेष के साथ पूरी सहयोगिता के साथ अपनी नाम  रेजिशट्रेसन की प्रक्रिया पूरी करने में तल्लीन दिखे । कुछ लोग की और जिम्मेदारिया थी वो भी अपनी कसौटी में मेरी नजर में खरे दिखे । जैसे जैसे समय बढ़ता गया लोगो की शंख्या बढती गई। और जब मुख्य अतिथीगन आये तो कार्यकर्म शुरू हुआ ।

मै परिचय सम्मलेन में पहली बार गया था और यूवा वर्ग के उत्साह को देख कर बड़ी मीठी अहसास हुई वाकई ये हमारे आने वाले पीढ़ी के झलक मात्र है।

मै सभा की पिछिली सीट पर बैठ कर सभा को समझने में लगा था  और सोच रहा था कि इन सभी बातो को मै कैसे सजा कर अपनी ब्लॉग में लिखू .... और अपने घर में आकर मैंने एक रिपोर्ट तैयार की । मै उसे दूसरी दिन ही लिख सकता था पर मुझे कुछ फोटो(इस परिचय सम्मलेन की ) चाहिए थी जिससे इस रिपोर्ट या लेख में चार चाँद लग जाती.. पर किसी कारण मै सभा के समारोह की फोटो नहीं उपलब्ध करा के कारण मै उस रिपोर्ट या लेख जो भी कहे उसे अपडेट नहीं कर पाया ।
पर आज अचानक मुझे ऐसा लगा कि मै इस लेख को साधारण सोच कि भाषा में क्यों न लिखू .. सो मैंने लिखा ओ भी सोचते सोचते... 

पर मै जिस लिए इतनी सारी बात कही ओ अभी भी अधूरी है इसे पाठक अच्छी तरह समझ रहे है ,मंच में बहुत से गणमान्य व्यक्ति थे पर मुझे क्षमा करिएगा मै सिर्फ तीन व्यक्ति के नाम और उनकी बाते याद रख पाया जिनमे से पहली है श्रीमती उषा गुप्ता (महिला मंच की मंत्रानी) मुझे उनकी बातो में व्यकरानो से शुशोभित कोई भाषण  नहीं लगी पर मै इतना पक्के तौर से कह सकता हु कि ये वाकई महिला समाज को प्रतिनिधित्वा करती है और उन्हें करनी भी चाहिए । उनकी बातो में कर्मंटता और मध्येशिया समाज के प्रति पूरी तरह समर्पणता साफ़ दिख रही थी उनके शब्द बिल्कुल लोगो के दिलो तक पहुची होगी इसकी मै गेरेंटी ले सकता हु ।
वैसे श्री जग्गंनाथ बाबू को तो मुझे एसा लगता है कि अखिल भारतीय वैश्य समाज से जुड़े शायद ही  ऐसी  कोई व्यक्ति हो जो उनके नाम से परिचित हो मतलब अगर मै कुछ और कहू तो सूरज को दिया दिखाने वाली बात होगी । पर मै चुकि इस तरह के सामाजिक संगठन से पूरी तरह से अलग था, तो  इस मामले में मुझे लगता है कि मै माफ़ी का अधिकारी हु । पर इसके बावजूद भी मै उनके बारे में अपनी एक स्वजातीय भाई से सुन चूका था तो उनकी उपस्थिति  देख कर आप समझ सकते है कि मै उनको कितनी ध्यान से सुना होगा ..!
अब मै आप को बोर न करते हुए उनके चन्द शब्द जो मुझे याद है मै बताना चाहुगा । उन्होंने कहा कि हमारी मध्येशिया समाज आगे से काफी तरक्की की है, जिसमे महिला तथा यूवा पीढ़ी का बहुत योग दान है , उनका मानना यह भी है कि जब तक हम अपनी समाज में महिलाओ को आगे नहीं लायेगे तब तक हमारा पूरी तरह से उत्थान नहीं होगा, उन्होंने राजस्थानी तथा गुजराती बनिया समाज का उदहारण लिया और कहा कि आप देखिये कोई भी सामाजिक कार्यकर्म उन जातियों के महिलाए पूरी तरह से भाग लेती है या यु कहे कि उनके बुजुर्ग तथा पति परमेश्वर उन्हें प्रेरित करती है , और जब महिलाए किसी भी कार्यकर्म के शिरकत करती है तो वह कार्यकर्म पूरी तरह से धन्य हो जाता है । क्यों कि बच्चे महिलाओं से ही अधिक जुड़े हुए होते है और उन्हें देख कर ही वे सीखते है ।
वाकई इस बात को मै भी वक्तिगत रूप से समर्थन करता हु  और मै यह भी मानता हु कि मेरी व्यक्तिगत राय से उन्हें कोई लेना देना नहीं है पर क्या करू ब्लॉग तो मै लिख रहा हु ......
 श्री जग्गंनाथ बाबू  के परम मित्र श्री काली प्रसाद बाबू को भी परिचय बड़े दिलवाले के रूप में श्री जग्गंनाथ बाबू ही कराये और जब उन्होंने (श्री काली प्रसाद बाबू ) माइक्रोफोन उठाया तो मुझे लगा शायद काली बाबू बहुत कुछ अपनी तजुर्बा के बारे में कहेगे... पर मुझे उस समय बड़ी आश्चर्य हुई, कि उन्होंने सिर्फ  सभी को आने के लिए सिर्फ धन्यबाद दिया, और जिन्होंने उन्हें बोलने की मौका दी थी उन्हें भी धन्यबाद दिया । 
तब मुझे समझ में आया ये व्यक्ति सिर्फ अपने कर्मो में ही विस्वास रखते है ...ये मेरे लिए तथा मेरे जैसो के लिए वाकई एक सच्चा साधक की तरह उदहारण है ।
अंत में मै आप सभी लोगो से कहना चाहता हु कि इस लेख या इसे मेरी सोच कहे तो ज्यादा बेहतर होगा अगर किसी सम्मानीय व्यक्ति को कोई ठेस  पहुची हो तो मै उनसे क्षमा मांगता हु ,मेरा उद्दयेश्य समाज को इस ब्लॉग के मार्फ़त से सच्ची तस्वीर पेश करना है और सच्ची प्रशंशा करनी है ।
इस लेख में अनेक व्याकरण सम्बन्धी त्रुटिया हो सकती है कृपया उसे अनदेखा कर दे ।
और अंत में मै एक बात जरुर कहूँगा कि अगर कोई पाठक अपनी कोई राय देना चाहता हो तो कृपया मुझे इस ईमेल पर मेल करे (bkhalwai@gmail.com)
धन्यबाद ..!



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thanks For Your valuable Comment.