शुक्रवार, 23 मार्च 2012

होली प्रीति सम्मलेन बड़ा बाज़ार

होली प्रीति सम्मलेन बड़ा बाज़ार शाखा 

मध्यशिया समाज का बैनर 
 अखिल भारतीय मध्यशिया समाज पच्छिम बंगाल होली प्रीति सम्मलेन बड़ा बाज़ार  की कुछ झलक फोटो में ।
अखिल भारतीय मध्यशिया समाज पच्छिम बंगाल,कोल्कता, बड़ाबाज़ार शाखा  के सदस्यगन 

अखिल भारतीय मध्यशिया समाज पच्छिम बंगाल होली प्रीति सम्मलेन बड़ा बाज़ार शाखा में महिलाये सदस्यों की स्वागत करती हुई ।

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 समाज में  सभी आने वाले आगंतुको को अबीर लगा कर सवागत करती हुई 
 मध्यशिया समाज, बड़ाबाजार शाखा द्वारा आयोजित  रंगा-रंग कार्यक्रम में रोमांचित युवतीगन ।
 बच्चे बड़े सभी आनंद को उपभोग करते हुए ।
 कतार से बैठी महिलाये अपनी सीट पहले से ही सुनियोजित कर ली थी ताकी रंगा - रंग कार्यकर्म में कोई परेशानी न हो।
 रंगा- रंग कार्यकर्म की सुरुआत मशहूर भजन गायक  से शुरू हुई, जिन्होंने सुरुआत में ही समां को बाँध लिया और लोग ध्यानमग्न हो गए ।
 कुछ बुजुर्ग और यूवक सदस्यगन अपने ढंग से आनंद का लुत्फ़ लेते हुए । 












झूम बराबर झूम 
 आर्यन हलवाई बिनानी भवन में होली प्रीति सम्मलेन के दौरान, जहा समारोह हो रही थी।
होली प्रीति सम्मलेन,बिनानी भवन,बड़ाबाजार,कोल्कता 

सोमवार, 19 मार्च 2012

होली प्रीति सम्मलेन (नैहाटी)

Rinku Gupta (Sanmarg Reporter)



    होली प्रीति सम्मलेन (नैहाटी)




यह होली प्रीति सम्मलेन नैहाटी सिंह भवन में आयोजित की गयी थी और इस होली प्रीति सम्मलेन की सारी फोटो और रिपोर्टिंग कु. रिंकू गुप्ता द्वारा की गई है मोहदया फिलहाल सन्मार्ग में रिपोर्टर के पद में है।
मै उनकी भेजी हुई रिपोर्टिंग तथा फोटो यथावत पोस्ट कर रहा हु।
विनय 











जिला शाखा  उत्तर  २४  परगना  के  तत्वाधान में  नैहाटी शाखा  द्वारा रविवार  दिनांक  १८  मार्च  २०१२  को  होली  प्रीटी  सम्मलेन  के  उपलक्ष्य  में अखिल  भारतीय  मध्येसिया वैश्य परिवार  सम्मलेन  समारोह  का  आयोजन किया  गया। होली  की  इस  फाल्गुनी  बसंती  सम्मलेन  के  अवसर  पर  हमारे समाज  के  कई  सम्मानजनक  व्यक्तियो  ने  अपने  गीत -संगीत  कविताये , हास्य व्यंग  से  सभी  को  अत्यंत  प्रभावित  किया .इस समारोह  की  
अध्यक्षता  श्री 




एकादसी  लाल  साहा और  राजकिशोर साव ने  की । जबकि  इस  समारोह  के संयोजक  सचिव  श्री  कृष्ण  कुमार  गुप्ता  थे। इस  मौके  पर  विशेष  अतिथि के  रूप  में  श्री  दीपक  जैसवाल  और  वर्तमान  मंत्री श्री अजय  साहा  भी  मौजूद थे।

रिंकू गुप्ता (रिपोर्टर)

बुधवार, 29 फ़रवरी 2012

भदोई और राची की हलवाई समाज

भदोई हलवाई समाज उ.प्र 
              धर कई दिनों से मुझे लिखने की इच्छा प्रबल हो रही थी और संयोग से मुझे वेबसाइट खंगालने का मौका मिला मैंने सोचा कि अपनी हलवाई अथवा बनिया समाज के बारे में जरा और जानकारी प्राप्त करू, हो सकता है किसी और जगह मेरा मतलब है किसी और राज्य में अपनी इतनी ससक्त संगठन है भी या नहीं, और अगर है तो किस तरह के लोग उससे जुड़े हुए है अथवा समाज में अपनी कितनी पैठ बनाये हुए है ।
भदोई हलवाई समाज उ.प्र 
तब मैंने पाया कि तीन से चार साईट ऐसी है जिसके बारे में मैंने कभी सोचा भी न था, पर यह बिलकुल हो सकता है कि कुछ पाठकगन, इन साइटों के बारे में हो सकता है कि पहले से पता हो या यह भी हो सकता है कि उनमे से कुछ लोग  व्यक्तिगत रूप से भी जानते हो । 
पहली साईट जो है वह अखिल भारतीय वैश्य हलवाई महासभा  यह साईट में जाए (http://vaishyhalwai.com/)यह उत्तर प्रदेश,भदोई से पंजीकृत की गई है, यह साईट काफी लुभावनी भी है और मेरे ख़याल से इस साईट में हलवाई समाज की सबसे ज्यादा जानकारी इक्कठी की गई है, मैंने कुछ जानकारी कॉपी कर ली है या यु कहे कि चोरी की है पर चुकि मै पूरी तरह से चोर इस लिए भी नहीं कहलाऊंगा क्योंकि जहा से मैंने जानकारी इकट्ठी कि है उस संसथान (संगठन) का नाम भी उल्लेख कर रहा हू ।
इसके वावजूद अगर उन्हें इस बात से परेशानी या कोई शिकायत  होगी तो मै यह  पोस्ट अवश्य हटा लूँगा।
भदोई हलवाई समाज उ.प्र 
चन्द फोटो तथा उनके पिछले कुछ  कार्यकर्मो कि कुछ फोटो मै इसमें पोस्ट कर रहा हू और कुछ जानकारिया जो हो सकता है हमारे पाठकगन के किसी काम आ जाय वह लिंक भी दे रहा हो जिसे दबाने से आप उस जानकारी अथवा उस साईट में जा सकते है ।

जैसा कि मैंने पहले भी कई बार कहा है हमारे समाज के उत्थान के लिए जो भी संभव हो मै करूँगा, और इसमें मुझे कोई गलती नहीं लगती फिर भी आप सभी की सुझाव मेरे लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है ।
दूसरी बात जैसा की श्री विजय कुमार गुप्ता जी अपने लेख (स्वजातीय जनगणना ) में लिखा है कि हम सब खुद को अलग अलग सब कास्ट जैसे रौनिहार, कानू,मध्यएशिया,साव,गुप्ता ,साहा इत्यादि के नाम से जाने जाते है जिसके कारण हम किसी एक प्लेटफोर्म में खुद को खड़ा नहीं कर पाते ।
परसों मुझे चाप्दानी से श्री विनय कुमार गुप्ता जी का फ़ोन आया और काफी लम्बी बाते होने के बात यह पता चला  श्री विनय जी भी इससे एक मत है हम सभी को सब कुछ (सब कास्ट ) भूल कर खुद को अगर हलवाई बताये या हलवाई जाति ही समझे तो शायद हमारी बहुत सारी समस्याओ का हल खुद ब खुद निकल आयेगा ।
अन्यथा सिर्फ हमलोग अलग अलग संगठन ही बनाते रह जाएगे
भदोई हलवाई समाज उ.प्र 
      ब समस्या यह है कि भाई "बिल्ली के गले में घंटी बांधे कौन..?" क्योंकि कोई भदोई की संगठन है तो कोई रांची की संगठन है और तो और हमारे बंगाल में ही कितनी  संगठन है, हमें खुद नहीं मालुम.....   और  सब के सब अपने लेबल पर तथस्थ खड़े है, मेरे विचार से भी अगर हम  सभी संगठन को एक मंच पर लाने की अगर पुरजोर कोशिश करे तो बहुत संभव है कि आगे इसका परिणाम बहुत ही मधुर और सफल होगा ।
पर इसके लिए हमारे समाज के सभी वशिस्ट व्यक्तिगणों आगे आना होगा।
पता नहीं इन सभी बातो से आप सभी कितने संतुस्ट है पर सोचने में क्या जाता है .....
भदोई हलवाई समाज उ.प्र 
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भदोई हलवाई समाज उ.प्र 













दूसरी साईट हलवाई सामाज डोट कॉम  और साईट है ( http://halwaisamaj.com/)की है यह संगठन राची की है उसका भी मैंने लिंक दे दिया है अगर आप चाहे तो ओरेंज कलर की अंडर लाइन की हुई सब्दो को क्लिक करे तो यह साईट खुल 
जाएगी ।
मै अगर अपनी तजुर्बा कहू तो मुझे बंगाल की पिचली  (२०११) की मतदान की समय विल्कुल याद है मैंने देखा था, किसी एक धर्म (बंगाली) विशेष के पंथी के सुप्रीमो अर्थात (माता जी) के पास मैंने  सभी राजनैतिक पार्टियों की सुप्रीम हस्तियों को उनके घर जाते देखा, और सभी पार्टिया उनके घर गई, सिर्फ इसलिए की अगर माता जी अपने भक्तो को एक बार बोल दे कि भाई इस पार्टी को वोट देना है, तो हो सकता है राजनैतिक गलियारे में परिवर्तन के काफी संभावना बढ जाए, राजनैतिक पार्टियों कि अपनी मजबूरी है, उन्हें हमेशा क्वानटीटी अर्थात संख्या से मतलब होती है । और अगर हम भी अपनी संख्या को ज्यादा से ज्यादा (जो कि है ) कर के दिखाए, तो यह बिलकुल संभव है कि हमारे आगे कि मार्ग (सामाजिक, राजनैतिक से जुड़ा ) बहुत ही सुगम हो जायेगा ।
पर जैसा कि हम सब जानते है यह मार्ग इतना भी आसान नहीं जितना कि हम सभी सोचते है, सभी संगठन कि अपनी शाख, है मंत्री है, महामंत्री है, मतलब "हम" है   जिसको पार पाना कोई टेढ़ी खीर से कम नहीं ...।
     र अगर हम वाकई में अपनी स्वजातीय बंधुओ को हर प्रकार से मदद करने के लिए प्रतिबद्द है तो कही न कही से  ही सही सुरुआत तो करनी पड़ेगी । तभी हम सभी स्वजितीय बंधुओ का उत्थान भी संभव है ।  

राची हलवाई समाज 
राची हलवाई समाज

राची हलवाई समाज








मै फिर एक बार आप सभी को अपने इस लेख के लिए आप सब की सुझाव या शिकायत  को सर्वपरि ध्यान रक्खूँगा। इसके लिए आप  मुझे  मेरे ईमेल (bkhalwai@gmail.com) में लिख सकते है इससे मुझे काफी ख़ुशी होगी  सच में ..। 


राची हलवाई समाज

विनय कुमार हलवाई 

सोमवार, 27 फ़रवरी 2012

परिचय सम्मलेन फ़रवरी २०१२ (हावड़ा)

परिचय सम्मलेन  फ़रवरी २०१२ (हावड़ा)
मेरी नजर से...

आज सुबह करीब साढ़े १० बजे के आस-पास मै श्री यौगेश चन्द्र कालेज पंहुचा, उस समय कुछ गिने चुने ही लोग दिख रहे थे, पर सब अपनी अपनी कामो में पूरी तरह से व्यस्त थे। कुछ नवजवान दो लेप टॉप लिए हुए सभी आने वाले आगंतुक या परिचय सम्मलेन में अपनी नाम नाथिभुक्त करवाने वाले व्यक्ति विशेष के साथ पूरी सहयोगिता के साथ अपनी नाम  रेजिशट्रेसन की प्रक्रिया पूरी करने में तल्लीन दिखे । कुछ लोग की और जिम्मेदारिया थी वो भी अपनी कसौटी में मेरी नजर में खरे दिखे । जैसे जैसे समय बढ़ता गया लोगो की शंख्या बढती गई। और जब मुख्य अतिथीगन आये तो कार्यकर्म शुरू हुआ ।

मै परिचय सम्मलेन में पहली बार गया था और यूवा वर्ग के उत्साह को देख कर बड़ी मीठी अहसास हुई वाकई ये हमारे आने वाले पीढ़ी के झलक मात्र है।

मै सभा की पिछिली सीट पर बैठ कर सभा को समझने में लगा था  और सोच रहा था कि इन सभी बातो को मै कैसे सजा कर अपनी ब्लॉग में लिखू .... और अपने घर में आकर मैंने एक रिपोर्ट तैयार की । मै उसे दूसरी दिन ही लिख सकता था पर मुझे कुछ फोटो(इस परिचय सम्मलेन की ) चाहिए थी जिससे इस रिपोर्ट या लेख में चार चाँद लग जाती.. पर किसी कारण मै सभा के समारोह की फोटो नहीं उपलब्ध करा के कारण मै उस रिपोर्ट या लेख जो भी कहे उसे अपडेट नहीं कर पाया ।
पर आज अचानक मुझे ऐसा लगा कि मै इस लेख को साधारण सोच कि भाषा में क्यों न लिखू .. सो मैंने लिखा ओ भी सोचते सोचते... 

पर मै जिस लिए इतनी सारी बात कही ओ अभी भी अधूरी है इसे पाठक अच्छी तरह समझ रहे है ,मंच में बहुत से गणमान्य व्यक्ति थे पर मुझे क्षमा करिएगा मै सिर्फ तीन व्यक्ति के नाम और उनकी बाते याद रख पाया जिनमे से पहली है श्रीमती उषा गुप्ता (महिला मंच की मंत्रानी) मुझे उनकी बातो में व्यकरानो से शुशोभित कोई भाषण  नहीं लगी पर मै इतना पक्के तौर से कह सकता हु कि ये वाकई महिला समाज को प्रतिनिधित्वा करती है और उन्हें करनी भी चाहिए । उनकी बातो में कर्मंटता और मध्येशिया समाज के प्रति पूरी तरह समर्पणता साफ़ दिख रही थी उनके शब्द बिल्कुल लोगो के दिलो तक पहुची होगी इसकी मै गेरेंटी ले सकता हु ।
वैसे श्री जग्गंनाथ बाबू को तो मुझे एसा लगता है कि अखिल भारतीय वैश्य समाज से जुड़े शायद ही  ऐसी  कोई व्यक्ति हो जो उनके नाम से परिचित हो मतलब अगर मै कुछ और कहू तो सूरज को दिया दिखाने वाली बात होगी । पर मै चुकि इस तरह के सामाजिक संगठन से पूरी तरह से अलग था, तो  इस मामले में मुझे लगता है कि मै माफ़ी का अधिकारी हु । पर इसके बावजूद भी मै उनके बारे में अपनी एक स्वजातीय भाई से सुन चूका था तो उनकी उपस्थिति  देख कर आप समझ सकते है कि मै उनको कितनी ध्यान से सुना होगा ..!
अब मै आप को बोर न करते हुए उनके चन्द शब्द जो मुझे याद है मै बताना चाहुगा । उन्होंने कहा कि हमारी मध्येशिया समाज आगे से काफी तरक्की की है, जिसमे महिला तथा यूवा पीढ़ी का बहुत योग दान है , उनका मानना यह भी है कि जब तक हम अपनी समाज में महिलाओ को आगे नहीं लायेगे तब तक हमारा पूरी तरह से उत्थान नहीं होगा, उन्होंने राजस्थानी तथा गुजराती बनिया समाज का उदहारण लिया और कहा कि आप देखिये कोई भी सामाजिक कार्यकर्म उन जातियों के महिलाए पूरी तरह से भाग लेती है या यु कहे कि उनके बुजुर्ग तथा पति परमेश्वर उन्हें प्रेरित करती है , और जब महिलाए किसी भी कार्यकर्म के शिरकत करती है तो वह कार्यकर्म पूरी तरह से धन्य हो जाता है । क्यों कि बच्चे महिलाओं से ही अधिक जुड़े हुए होते है और उन्हें देख कर ही वे सीखते है ।
वाकई इस बात को मै भी वक्तिगत रूप से समर्थन करता हु  और मै यह भी मानता हु कि मेरी व्यक्तिगत राय से उन्हें कोई लेना देना नहीं है पर क्या करू ब्लॉग तो मै लिख रहा हु ......
 श्री जग्गंनाथ बाबू  के परम मित्र श्री काली प्रसाद बाबू को भी परिचय बड़े दिलवाले के रूप में श्री जग्गंनाथ बाबू ही कराये और जब उन्होंने (श्री काली प्रसाद बाबू ) माइक्रोफोन उठाया तो मुझे लगा शायद काली बाबू बहुत कुछ अपनी तजुर्बा के बारे में कहेगे... पर मुझे उस समय बड़ी आश्चर्य हुई, कि उन्होंने सिर्फ  सभी को आने के लिए सिर्फ धन्यबाद दिया, और जिन्होंने उन्हें बोलने की मौका दी थी उन्हें भी धन्यबाद दिया । 
तब मुझे समझ में आया ये व्यक्ति सिर्फ अपने कर्मो में ही विस्वास रखते है ...ये मेरे लिए तथा मेरे जैसो के लिए वाकई एक सच्चा साधक की तरह उदहारण है ।
अंत में मै आप सभी लोगो से कहना चाहता हु कि इस लेख या इसे मेरी सोच कहे तो ज्यादा बेहतर होगा अगर किसी सम्मानीय व्यक्ति को कोई ठेस  पहुची हो तो मै उनसे क्षमा मांगता हु ,मेरा उद्दयेश्य समाज को इस ब्लॉग के मार्फ़त से सच्ची तस्वीर पेश करना है और सच्ची प्रशंशा करनी है ।
इस लेख में अनेक व्याकरण सम्बन्धी त्रुटिया हो सकती है कृपया उसे अनदेखा कर दे ।
और अंत में मै एक बात जरुर कहूँगा कि अगर कोई पाठक अपनी कोई राय देना चाहता हो तो कृपया मुझे इस ईमेल पर मेल करे (bkhalwai@gmail.com)
धन्यबाद ..!



शनिवार, 25 फ़रवरी 2012

क्षेत्रीय शाखा-बेलियाघाटा यूवा मंच

अखिल भारतीय मध्यदेशीय वैश्य सभा 
क्षेत्रीय शाखा-बेलियाघाटा यूवा मंच
 कार्यकारणी समिति 
 संयोजक                   श्री अशोक साव 
                                 श्री चन्द्र गुप्त (टिंकू)
सदस्यगण 
श्री अरविन्द गुप्त 
श्री अमित गुप्त 
श्री सुनील गुप्त 
श्री अजित गुप्त
श्री बिक्की गुप्त 
श्री विकाश कुमार गुप्त 
श्री राजू गुप्त
श्री आकाश प्रसाद साहा 
श्री रवि गुप्त 
श्री विजय कुमार गुप्त 
अलंकार गुप्त 
श्री सुमित गुप्त 
श्री हृदया नन्द गुप्त
श्री राजीव कुमार साव 
श्री संजीव कुमार साव 
श्री प्रवीन कुमार साव 
श्री अभिषेक गुप्त 
श्री अभिजित गुप्त
श्री संजय गुप्त 
श्री प्रकाश साव  

मंगलवार, 21 फ़रवरी 2012

Akhil Bharatiya Madhyadeshiya Vaishya Sabha

राज्य शाखा पश्चिम बंगाल 
ऑफिस :- १/२/१, डॉ. धीरेन सेन सारणी,(हर्तुकी बगान लेन), कोल्कता -६
पंजीकृत संख्या :-s /२७६१३/९५ 
समाज दर्पण (प्रकाशित अंक नवम्बर २०११)
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राज्य शाखा पश्चिम बंगाल 
ऑफिस :- १/२/१, डॉ. धीरेन सेन सारणी,(हर्तुकी बगान लेन), कोल्कता -६
पंजीकृत संख्या :-s /२७६१३/९५ 
समाज दर्पण (प्रकाशित अंक नवम्बर २०११)
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